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Monday, October 8, 2018

22 अक्टूबर को सिवान के दौरा पर तेजस्वी यादव

बिहार और लालू पूरी दुनिया के एक दूसरे के लिए पूरक शब्द हैं| आप जब भी कहीं जाते हैं और किसी ने पूछा कि आप कहाँ के रहने वाले हैं तो बिहार शब्द सुनते ही ज़ुबान पर लालू जी का नाम आता है| राजनैतिक मतभेद चाहे जितने हो लेकिन ये एक सच्चाई है और इतिहास में पन्नो पर ये दर्ज रहेगा|

अगर लालू जी के राजनीति करियर की बात की जाए तो शायद शब्द कम पड़ जाएं लेकिन उनके राजनैतिक उठा पटक उतार चढ़ाव पर लेखनी कम पड़ जाए इसलिए उस इतिहास को न लिखते हुए बिहार के भविष्य पर एक चर्चा करनी ज़रूरी है जो उनके ही बेटे तेजस्वी यादव के रूप में सामने आ रहा है |
लालू जी छोटे बेटे तेजस्वी यादव जो गठबंधन सरकार में उपमुख्यमंत्री भी रह चुके थे लेकिन गठबंधन टूट जाने और नितीश कुमार का बीजेपी के साथ "विवाह" हो जाने की वजह से विपक्ष के एक बड़े नेता के रूप तेजस्वी यादव ही दिख रहे हैं|

नौजवान नेता को सामने लाने देश के भविष्य के लिए नेता को ढूंढने के क्रम में बिहार ने तेजस्वी यादव के रूप में देश को एक विकल्प दिया है जो अपने राजद पार्टी के राजनैतिक सिद्धांतों को बड़े ही मजबूती के साथ युवको के दिलो में उतारने का काम कर रहे हैं|
तेजस्वी ने अपने उपमुख्यमंत्री के कार्यकाल में अपने काम और कामो में पारदर्शिता और लगातार विकास के काम से ये साबित भी किया कि उनके अंदर वो गुण है जिसकी बिहार को सख्त ज़रूरत है विकसित बनने के लिए|
तेजस्वी यादव ने जिस प्रकार से नितीश कुमार के कई नीतियों और उनके गलत रवैया पर घेरा है और जनता के सामने कई घटनाओ को लेकर साफ़ साफ़ शब्दों में बात को रखा है कि जनता को ठगने का काम नितीश कुमार द्वारा किया गया है जिसे जनता ने भी महसूस किया है वरना बिहार की जनता ने उस वक़्त गठबंधन का साथ दिया था जब बीजेपी का देश में लहर चल रहा था|
मुज़फ्फरनगर की घटना को लेकर या राज्य के अलग अलग हिस्सों में सांप्रदायिक घटनाओ के ऊपर भी तेजस्वी यादव ने सरकार को घेरा और उसके ढीले रवैयों के ऊपर कई गंभीर सवाल खड़े किए, जैसे कि बीजेपी के पुराने नीतियों पर अब नितीश कुमार चलने लगे जिन्हे विकासपुरुष के नाम से जाना जाता था?? या फिर साम्प्रदायिकता के बल पर बिहार में राज करना चाहते हैं नितीश कुमार?
आने वाले इलेक्शन के लिए तेजस्वी यादव ने कमर कस रखा है और उसके लिए जी तोड़ मेहनत भी कर रहे हैं और जो बिहार की राजनीती में एक नौजवान युवक नेता की आवश्यकता थी उसकी पूर्ति शायद होती दिख रही है|
बिहार की जनता ने बीजेपी के पिछले 4 साल के कार्यकाल को देखा जिसमे कई गलत नीतियों की वजह देश की जनता बहुत मुश्किलों का सामना किया जैसे नोटबंदी जिसकी वजह से कई लोगो की मौतें भी हुई और बूढ़े बुज़ुर्गो, महिलाओ को न जाने कितने दिनों तक परेशान होना पड़ा|

इसके अलावा GST की वजह से देश छोटे लघु उद्योक पर काफी बुरा असर पड़ा जिसकी भरपाई ये सरकार कभी नहीं कर सकती लेकिन इसका बुरा असर जनता ने अच्छे से महसूस किया है अपने प्रति दिन के ज़िन्दगी में|
बिहार की जनता के साथ साथ पूरी देश की जनता ने सरकार के कई गलत नीतियों की वजह से झेला है और हाल ही में बिहार और UP के लोगो ने जो क्षेत्रवाद का दंश झेलना थोड़ा कम हुआ था मुंबई में लेकिन अब वही दंश देश के प्रधान मंत्री के राज्य गुजरात में झेलने की नौबत आयी हुई है|
मोदी जी के बिहार इलेक्शन के समय बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने और स्पेशल पैकेज  को देने की बातें काफी ज़ोर शोर से कही जा रही थी लेकिन इलेक्शन बाद नाही मोदी जी नाही नितीश कुमार ने इसकी सुध ली जबकि ये जानते हुए कि बिहार देश का सबसे पिछड़े राज्यों में से एक और गरीब राज्य है | हाल ही में UN की एक रिपोर्ट ने ये कहा है बिहार में आज भी पलायन गरीबी की वजह से हो रहा है और पलायन से दूसरे राज्यों के ऊपर बोझ बढ़ रहा है |
बिहार के सामने कई ऐसी समस्याएं हैं जिसको तेजस्वी यादव मुद्दा बनाकर जनता को जागरूक कर सकते हैं और बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं
22 अक्टूबर को सिवान के दौरा पर तेजस्वी यादव निकलने वाले हैं जिसके वजह से सिवान के नौजवानो के काफी जोश देखा गया है|
सच्चाई तो ये है कि बिहार की जनता एक जोश से भरा नेता जो युवाओ को सही रास्ता दिखा सके वैसे लीडर की तलाश में है और देखना ये है कि क्या तेजस्वी यादव इस कमी को पूरा कर सकते हैं?

रफ़ीक अहमद
सिवान 

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