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Friday, April 14, 2017

सीरिया, ISIS , अफगानिस्तान में धमाका, और तेल बाजार- पढ़िए और अपनी राय दीजिए

दुनिया भर में आज सीरिया में हो रहे मानवता के खिलाफ और तथा कथित आतंकी ग्रुप के खिलाफ की लड़ाई चर्चा का विषय बनी हुई है लेकिन इसे संक्षिप्त में समझना ज़रूरी है.

अमेरिका और कुछ खाड़ी देश  मिल कर सीरिया में कब्ज़ा करना चाहते हैं ताकि उनका पाइप लाइन यूरोप के बाजार में पहुँच सके और उसके लिए उन्होंने इस आतंकी ग्रुप का इस्तेमाल किया ताकि अमेरिका बमबारी करके वहाँ खुद और अपने साथ के देश जैसे क़तर सऊदी के साथ अपने हिसाब के शासक को बिठा सके और अपने वर्चस्व को यूरोप के बाजार में कायम कर सके
लेकिन ये काम रूस नहीं होने देना चाहता है क्युकी इससे रूस के वजूद को और यूरोप के बाजार में उसकी हैसियत पूरी ख़त्म हो जाएगी इसलिए अब वो भी सीरिया में बमबारी करके तथाकथीत ISIS को मार भगाने के लिए म्हणत कर रहा है और दुनिया जानती है सीरिया शासक बशर और रूस के रिश्ते बहुत ही अच्छे हैं

सीरिया के पास खुद के अपने कई बड़े ऑयल रिजर्वायर है जो खुद अकेले रूस के मदद से अपने नज़दीक के बाजार यूरोप में बेच सकता है 
अगर इस पाइपलाइन को सीरिया से नहीं लेकर गया तो सीरिया के तेल खजाने पर फिर किसका हक़ होगा उसकी लड़ाई होने लगेगी इसलिए इस पाइपलाइन को सीरिया से ले जाना ज़रूरी है साथ ही साथ अगर दूसरे देश से ले जाया गया तो बजट इतना महंगा होगा की उसकी भरपाई US या कोई भी तेल वाला देश नहीं कर सकेगा. 

लड़ाई सिर्फ और सिर्फ तेल को यूरोप के बाजार में बेचने और अपने वर्चस्व की हो रही है वरना कभी इसमें शामिल नहीं होता. दुनिया जानती है रूस और अमेरिका कभी एक अजेंडे पर काम नहीं करती 

सीरिया के इस मसले को भटकाने केलिए अमेरिका ने आज अफ़ग़ानिस्तान में इस बम गिराया ताकि दुनिया की नज़र सीरिया से हट फिर से आतंक के एक बड़े मसले को दुनिया के सामने खड़ा किया जा सके.
अंतराष्ट्रीय मामले में अभी समझ को बढ़ाने और इसके लिए अपनी कोशिश को बढ़ाते रहने की ज़रूरत है क्युकी हर लड़ाई सच और झूठ या आतंक से लड़ने की नहीं बल्कि इसके आड़ में अपने फायदे को सिद्ध भी करना होता है 

रफीक अहमद 



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