हिंदुस्तान में आये दिन आपस में लड़ाई झगड़ा, कभी गाय के नाम पर तो कभी मंदिर मस्जिद के नाम पर...
कभी सोचा है ये सब क्यों हो रहा है??
क्या ऐसा करने को आपका मेरा धर्म सिखाता है??
ऐसा इसलिए होता है कि आज़ादी के बाद से देश में आपसी एकता अमन शांति मोहब्बत के लिए किसी ने सही से कोशिश नहीं की
नेता लूटने और राज में व्यस्त हो गए
जनता अपने गरीबी से लड़ने में व्यस्त
तीन वक़्त की रोटी के जुगाड़ के लिए बाकि की जनता व्यस्त
समाज को जोड़ने केलिए कौन से लोग प्रयासरत थे??
ईमानदारी से कोशिश न ही बहुसंख्यक और नाही अल्पसंख्यक के तरफ से हुई.
125 की आबादी को हर रोज़ इस बात को सीखने की ज़रूरत है कि कैसे दूसरे की इज़्ज़त, दूसरे धर्म की इज़्ज़त, कैसे अपने आज़ादी की लड़ाई में शहीद हुए हर शहीद की इज़्ज़त, अपने संस्कृति की इज़्ज़त की जानी चाहिए
और ये ज़िम्मेदारी हर वर्ग हर धर्म के लोगो की है, न कि किसी नेता की
अब आप कहेंगे कानून है न सिखाने के लिए .......... तो भैया कानून किसके लिए होता है???
असभ्य समाज में ज़्यादा से ज़्यादा कानून बनाने की ज़रूरत होती है, अगर उसे न माना जाए तो कानून चाहे जीवन जीने का हो या देश के अंदर अमन शांति के लिए या अराजकता से लड़ने का उसका कोई फायदा नहीं होता
देश को खास कर नौजवान को इस वक़्त ज़रूरत है सही दिशा निर्देश शिक्षा, ट्रेनिंग की और ये काम आप हम और शिक्षित वर्ग के लोग ही कर सकते है.
राजनीत एक आसान जरिया हो गया सिर्फ तोड़ने का जोड़ने वाली राजनीती करना और सीखना ज़्यादा ज़रूरी है, दुनिया में ऐसे बहुत सारे देश हैं जहाँ राजनीती की उतनी पैठ भी नहीं लेकिन देश बहुत ही विकसित है और मानवीय मूल्य उससे कही ज़्यादा बेहतर है.
मोहब्बत के दंगे परिवार इसी कोशिश में है, साथ आइए मिलाकर इस कोशिश को आगे बढ़ाते हैं
Rafique Ahmad
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