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Wednesday, March 22, 2017

अपने जज़्बात को किसी का ग़ुलाम न बनने दें , और नाही किसी को आपके जज़्बात का इस्तेमाल कर राजनीती करने दें.

भारत के #मुस्लमान दुनिया के बाकी देशो के मुसलमानो से कही ज़्यादा पढ़े लिखे, और ज़्यादा आबादी में हैं लेकिन हैं तो मुस्लमान ही #जज़्बाती तो होंगे ही जिसका फायदा भारतीय #मीडिया बहुत अच्छे से उठाना जानती है,
मैं कई दिनों से बोल रहा हु कि योगी हो या मोदी जी इन्हें भारत के मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री बनाने वालों में हर धर्म के लोगो का वोट है,
और जितने लोगो ने वोट नहीं दिया उसमे भी हर धर्म के लोग हैं लेकिन कुछ मीडिया और #फेसबुकिया_क्रन्तिकारी जानबूझ कर मोदी या योगी के उस विडियो को दिखा रही है जिससे सिर्फ मुस्लमान की भावना आहात हो, गुस्सा हो, ऐसा लगे की ये सब सिर्फ मुस्लमान के दुश्मन हैं और फिर आपको सबसे बड़ी विरोधी #समुदाय के रूप में सामने बना कर खड़ा कर दे रही है जिसके कंधो पर बन्दूक रख गोली चलाया जा सके

चुकी उन्हें पता है मुस्लमान दूसरी सबसे बड़ी आबादी है जो विरोध करेगा तो हल्ला हंगामा बहुत होगा चाहे कोई फायदा हो या न हो लेकिन कुछ दल्लो की दुकाने बहुत अच्छे से चलेंगी.
मकसद इन मीडिया वालो का कतई आपकी भलाई नहीं है बल्कि आपके पीछे खड़े होकर आपके कंधे का इस्तेमाल करके ये पक्ष विपक्ष का खेल खेल रहे हैं,

भारत में 90 % हिन्दू भाई भी ऐसे हैं जो ऐसे नेताओ के भड़काऊ भाषण उनके कार्यो को पसंद नहीं करते लेकिन मीडिया सिर्फ मुसलमानो का दिखाती है ताकि एक पुरे समुदाय को ही एक विरोधी के रूप में दिखाया जा सके. और कुछ मुस्लिम कौम में भी हैं जो अपने हिसाब से रहनुमा बनते हैं जो अपने राजनैतिक फायदा नुकसान के हिसाब से आपको चलने की बात करते हैं. याद रखे राजनीती में आने वाला कोई मुस्लिम नहीं या हिन्दू नहीं होता वो बस एक नेता है जिसे जब जहाँ जैसे फायदा दिखेगा उस हिसाब से अपना नेतागिरी चमकाएगा.
इसलिए भाइयो इस बात को समझिए राजीनीति में किसी का विरोध या किसी पक्ष को अपने ईमान का हिस्सा मत समझिए,
हाँ राजनैतिक अलग अलग विचारधारा ज़रूर रखे लेकिन उसके ग़ुलाम न बने.
और आखिर में यही कहना है कि अपने जज़्बात को किसी का ग़ुलाम न बनने दें , और नाही किसी को आपके जज़्बात का इस्तेमाल कर राजनीती करने दें.

Rafique Ahmad

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