आबादी में सिर्फ दस करोड़ का फर्क लेकिन GDP में लगभग पांच गुना फर्क कैसे?? सोचिए आखिर नेता के साथ साथ देश के अर्थव्यस्था को कौन बर्बाद कर रहा है??
खुद भी मेहनत करने की ज़रूरत है
आपस में लड़ना बंद करना होगा
दंगे फसाद और बॉर्डर पर हो रहे नाजाएज़ खर्च को ख़त्म करना होगा..
और आपस में मिलकर एक दूसरे के साथ सबको तरक्की करना होगा तभी "विश्वगुरु" बन सकते हैं
खुद भी मेहनत करने की ज़रूरत है
आपस में लड़ना बंद करना होगा
दंगे फसाद और बॉर्डर पर हो रहे नाजाएज़ खर्च को ख़त्म करना होगा..
और आपस में मिलकर एक दूसरे के साथ सबको तरक्की करना होगा तभी "विश्वगुरु" बन सकते हैं
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