#योगी का बयान #अलीगढ़ या #जामिआ जैसे माइनॉरिटी संस्थानों में रिजर्वेशन की बात एक छलावा और ड्रामा????:-
बस एक छोटा सा उदाहरण
बस एक छोटा सा उदाहरण
पहले ये कोर्ट का फैसला पढ़ें :- 20 मार्च 2018 कोर्ट का फैसला आया था ("अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति अधिनियम 1989 के तहत सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि ऐसे मामले में अब पब्लिक सर्वेंट की तत्काल #गिरफ्तारी नहीं होगी। इतना ही नहीं गिरफ्तारी से पहले आरोपों की #जांच जरूरी है और गिरफ्तारी से पहले #जमानत भी दी जा सकती है। न्यायमूर्ति आदर्श गोयल और यू यू ललित की पीठ ने कहा कि कानून के कड़े प्रावधानों के तहत दर्ज केस में सरकारी कर्मचारियों को अग्रिम जमानत देने के लिए कोई बाधा नहीं होगी")
---------------:अब सवाल ये है :---------------
जिस दिन ये फैसला आया तो इसके खिलाफ सरकार कोई #अध्यादेश अब तक क्यों नहीं ले कर आयी ताकि इस समाज के खिलाफ कोई ज़्यादती या अपराध न हो, इन्हे प्रताड़ित कोई न करे ????
क्या एससी / एसटी को योगी सरकार धोखा देने के लिए #Minorities संस्थानों में आरक्षण के बारे में बात कर रही है (जो कि संवैधानिक और कानूनी तौर पर संभव नहीं है ) ताकि अपनी झूठी निष्ठां #दलितों के लिए दिखा सकें??
तो सवाल ये उठता है कि सरकार की यह दोहरा मानक और मानसिकता क्यों ??
अगर नहीं.......... तो सरकारी संस्थानों में जहाँ संविधान के हिसाब से लगभग 22% (15%ST/ 7.5%ST) रिजर्वेशन SC /ST के लिए होना चाहिए वहां खाली सीटों को क्यों नहीं भरते योगी आदित्यनाथ?? आज भी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ सिर्फ 7% ही जगह SC /ST की भागीदारी है... ऐसा क्यों??
अगर नहीं.......... तो सरकारी संस्थानों में जहाँ संविधान के हिसाब से लगभग 22% (15%ST/ 7.5%ST) रिजर्वेशन SC /ST के लिए होना चाहिए वहां खाली सीटों को क्यों नहीं भरते योगी आदित्यनाथ?? आज भी एक रिपोर्ट के मुताबिक़ सिर्फ 7% ही जगह SC /ST की भागीदारी है... ऐसा क्यों??
क्या ये नेता वास्तव में एससी / एसटी #दलितों की परवाह करते हैं या फिर बस राजनैतिक ड्रामा करके फिर से एक खास समुदाव के प्रति नफरत दिखा कर #वोट लेन चाहते हैं?????? Think

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