बॉलीवुड की एकमात्र 'लेडी सुपरस्टार' श्रीदेवी के निधन के लगभग एक हफ्ते बाद उनकी बेटी जाह्नवी कपूर ने अपनी मां के लिए एक भावुक पत्र इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है. खत में जाह्नवी ने न सिर्फ अपनी फीलिंग्स शेयर कीं, बल्कि अपनी बहन खुशी और पापा बोनी कपूर को लेकर भी कई भावुक बातें बताई हैं. इतना ही नहीं, मां के लिए बेटी का प्यार और उनके बिना अब कैसा महसूस होता है, इन सभी बातों को भी अपने मैसेज के ज़रिये जाह्नवी ने बताया है. जाह्नवी ने पत्र की शुरुआत में ही लिखा है, "मेरे सीने में दर्दनाक खोखलापन पसर गया है, और मैं जानती हूं कि मुझे इसके साथ ही जीना सीखना होगा... लेकिन तमाम सूनेपन के बावजूद मैं आपका प्यार अब भी महसूस करती हूं..."
बेटी की बात माँ से ज़्यादा कौन समझ सकता है और ईश्वर श्री देवी जी को वक़्त से पहले दुनिया से बुला लिए इसका दर्द तो रहेगा बेटी और बॉलीवुड इंडस्ट्री को
मुझे इस बात की ख़ुशी है कि माँ बाप के लिए प्रेम हर इंसान के लिए रहता है और वो दर्द भी होता है जो एक बच्चा अपने माँ बाप को खोने पर महसूस करता हैं| जान्हवी के इस पात्र को हम एक और नजरिया से देखें तो शायद देश के अंदर आत्महत्या कर रहे किसानो के परिवार, दहेज़ के लिए जला कर मार दी जा रही महिलाओ का दर्द, किसी बच्ची का बलात्कार होना और फिर उसकी बर्बरता पूर्वक हत्या कर देना, ये वो हैवानियत और इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली बात है जिससे हर इंसान को दुःख होना लाज़िमी है|
इसी दर्द को महसूस करते हुए हमें दुनिया के किसी हिस्से में हो रहे मानवाधिकार हनन के भी गम्भीरता को समझना|
आज जो सीरिया में हो रहा है, म्यांमार में हुआ, अफ्रीका के कई इलाको में मानवाधिकार हनन होते हैं, पाकिस्तान में 7 साल की बच्ची का बलात्कार हुआ, हरियाणा में छोटी बच्चियों का बलात्कार हुआ और ये ऐसी घटना है जिससे किसी बेटी तो कोई किसी की माँ की ही अज़मत लूटी है|
आज जान्हवी का पात्र पूरी मीडिया में दिखाया जा रहा है लेकिन उन अनकहे शब्दों को कौन पढ़ेगा, कौन सुनेगा जो हर रोज़ मानवता को शर्मसार करने वाली होती है?
उस दर्द और चीख को कौन सुनेगा जो अपने माँ बाप को बम के गिरने पर खो देते हैं, अपनी आँखों के सामने मकान के गिरने और मलबे में दबने से मौत को देकते हैं? उनकी दिल की बात को कौन पढ़ेगा जिस माँ के आँखों के तारा का बलात्कार कर कूड़े के ढेर पर फेक दिया जाता है|
आखिर ऐसा क्यों होता है कि हमारी इंसानियत और हमारे जज़्बात भी काफी "सेलेक्टिव" होते जा रहे हैं|
बेटी की बात माँ से ज़्यादा कौन समझ सकता है और ईश्वर श्री देवी जी को वक़्त से पहले दुनिया से बुला लिए इसका दर्द तो रहेगा बेटी और बॉलीवुड इंडस्ट्री को
मुझे इस बात की ख़ुशी है कि माँ बाप के लिए प्रेम हर इंसान के लिए रहता है और वो दर्द भी होता है जो एक बच्चा अपने माँ बाप को खोने पर महसूस करता हैं| जान्हवी के इस पात्र को हम एक और नजरिया से देखें तो शायद देश के अंदर आत्महत्या कर रहे किसानो के परिवार, दहेज़ के लिए जला कर मार दी जा रही महिलाओ का दर्द, किसी बच्ची का बलात्कार होना और फिर उसकी बर्बरता पूर्वक हत्या कर देना, ये वो हैवानियत और इंसानियत को शर्मसार कर देने वाली बात है जिससे हर इंसान को दुःख होना लाज़िमी है|
इसी दर्द को महसूस करते हुए हमें दुनिया के किसी हिस्से में हो रहे मानवाधिकार हनन के भी गम्भीरता को समझना|
आज जो सीरिया में हो रहा है, म्यांमार में हुआ, अफ्रीका के कई इलाको में मानवाधिकार हनन होते हैं, पाकिस्तान में 7 साल की बच्ची का बलात्कार हुआ, हरियाणा में छोटी बच्चियों का बलात्कार हुआ और ये ऐसी घटना है जिससे किसी बेटी तो कोई किसी की माँ की ही अज़मत लूटी है|
आज जान्हवी का पात्र पूरी मीडिया में दिखाया जा रहा है लेकिन उन अनकहे शब्दों को कौन पढ़ेगा, कौन सुनेगा जो हर रोज़ मानवता को शर्मसार करने वाली होती है?
उस दर्द और चीख को कौन सुनेगा जो अपने माँ बाप को बम के गिरने पर खो देते हैं, अपनी आँखों के सामने मकान के गिरने और मलबे में दबने से मौत को देकते हैं? उनकी दिल की बात को कौन पढ़ेगा जिस माँ के आँखों के तारा का बलात्कार कर कूड़े के ढेर पर फेक दिया जाता है|
आखिर ऐसा क्यों होता है कि हमारी इंसानियत और हमारे जज़्बात भी काफी "सेलेक्टिव" होते जा रहे हैं|
Emotional photo of Syrian children and condition of our Kisan


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