कभी कभी स्थानीय लोग ही सही बता सकते हैं कि वहाँ स्थिति कैसी है।
हम दूर से दूर के न्यूज़ को सुनकर वो भी ख़ासकर जब मामला संप्रदाय से जुड़ा हो तो हम ऐसा अनुमान लगाते हैं जैसा की फिल्मो में या खबरों में दिखाया जाता हैं...
जैसे कि एक घटना कैराना की थी जिसको खबर में इतना बढ़ चढ़ा कर दिखाया गया था कि वहाँ एक धर्म विशेष के लोग दूसरे समुदाय के डर से शहर छोड़ दूसरे जगह पलायन कर रहे हैं, जो कि एक पूरी झूठी खबर थी, जब इस खबर का पड़ताल हुआ तो मामला बिलकुल झूठ और उलट मिला,
लोगो द्वारा इस खबर और आज तक, ज़ी न्यूज़ की खूब निंदा की गयी कि ऐसे खबरों को जानबूझ कर कुछ मीडिया हाउस द्वारा फैलाया जा रहा है ताकि हमारे शहर के नाम को बदनाम किया जा सके तथा देश में एक तनावपूर्ण माहौल बना कर साम्प्रदायिकता के नाम पर राजनीती करने वाली पार्टी को फायदा मिल सके.....
एक बात हम जनता को भी समझना चाहिए कि देश में लगभग हर मीडिया हाउस पैसे लेकर बिक चुकी है तथा कुछ मीडिया हाउस एक मानसिकता जो कि सांप्रदायिकता को बढ़ावा देती है वो उसे अपने न्यूज़ चैनल के जरिया बढ़ावा देते हैं.
जिस खबर को दिखाया जाता है या फैलाया जाता है जिसमे एक धर्म विशेष के लोग को मारते पिटते या फिर जेल जाते दिखाया जाता है वो दरअसल हर वक़्त गलत नहीं होता
शहर पटना की घटना है जहाँ एक अपराधी किस्म का व्यक्ति पकड़ा गया जिसके नाम पर कई डकैती, चोरी, गुंडागर्दी, ज़मीन दलाली, हत्या तथा बलात्कार जैसे संगीन मामले दर्ज हैं उसे पकड़ा गया और जब ये खबर को दिखाया गया तो ऐसे दिखाया गया कि एक धर्म विशेष का व्यक्ति को पकड़ा गया और जानबूझ कर जेल भेज जा रहा है.
जब इस खबर की पड़ताल की गयी तो स्थानीय लोगो ने बताया कि ये जो पकड़ा गया और जेल में भेज जा रहा है वो व्यक्ति सही में क्रिमिनल और गुंडा है. इसे तो हमेशा जेल में रखना चाहिए इसे किसी मज़हब से मतलब नहीं है.
लेकिन इसी खबर को दूर दूसरे शहर में बैठे लोग जब पढ़ते हैं उन्हें ऐसा लगता है कि मेरे मज़हब वालो को जानबूझ कर फंसाया गया और पकड़ा गया और वैसे क्रिमिनल इस बात का फायदा उठा लेते हैं.
हमें इस मानसिकता से निकलना होगा और ये सच्चाई को माननी होगी कि देश में हर धर्म के लोगो में ऐसे क्रिमिनल छवि और गुंडे पाए जाते हैं, और ऐसे लोगो का समाज में रहना बिलकुल भी ठीक नहीं है.
क्योंकि ऐसे लोगो का नुकसान सिर्फ और सिर्फ राज्य के बेटियो और शरीफ लोगो को ही उठाना पड़ता है|
हर खबर पर आँख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए और अगर कुछ खबर पर संवेदना व्यक्त भी करनी हो तो बस इस बात का वादा करें कि वैसा कोई व्यक्ति या कोई घटना आपके शहर में न हो.
ऐसे अपराधी या ऐसी घटना जिसे आपसी एकता टूटे को न पनपने दिया जाए/
और सबसे महत्वपूर्ण बात कि अपराधी, आतंकी या बलात्कारियों का कोई धर्म नहीं होता. और अगर किसी धर्म से उसका जुड़ाव भी हो तो वो धर्म या उस धर्म से जुड़े लोगो को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए यही एक सद्बुद्धि तथा सही सोच वाले नागरिक की पहचान है
Rafique Ahmad
हम दूर से दूर के न्यूज़ को सुनकर वो भी ख़ासकर जब मामला संप्रदाय से जुड़ा हो तो हम ऐसा अनुमान लगाते हैं जैसा की फिल्मो में या खबरों में दिखाया जाता हैं...
जैसे कि एक घटना कैराना की थी जिसको खबर में इतना बढ़ चढ़ा कर दिखाया गया था कि वहाँ एक धर्म विशेष के लोग दूसरे समुदाय के डर से शहर छोड़ दूसरे जगह पलायन कर रहे हैं, जो कि एक पूरी झूठी खबर थी, जब इस खबर का पड़ताल हुआ तो मामला बिलकुल झूठ और उलट मिला,
लोगो द्वारा इस खबर और आज तक, ज़ी न्यूज़ की खूब निंदा की गयी कि ऐसे खबरों को जानबूझ कर कुछ मीडिया हाउस द्वारा फैलाया जा रहा है ताकि हमारे शहर के नाम को बदनाम किया जा सके तथा देश में एक तनावपूर्ण माहौल बना कर साम्प्रदायिकता के नाम पर राजनीती करने वाली पार्टी को फायदा मिल सके.....
एक बात हम जनता को भी समझना चाहिए कि देश में लगभग हर मीडिया हाउस पैसे लेकर बिक चुकी है तथा कुछ मीडिया हाउस एक मानसिकता जो कि सांप्रदायिकता को बढ़ावा देती है वो उसे अपने न्यूज़ चैनल के जरिया बढ़ावा देते हैं.
जिस खबर को दिखाया जाता है या फैलाया जाता है जिसमे एक धर्म विशेष के लोग को मारते पिटते या फिर जेल जाते दिखाया जाता है वो दरअसल हर वक़्त गलत नहीं होता
शहर पटना की घटना है जहाँ एक अपराधी किस्म का व्यक्ति पकड़ा गया जिसके नाम पर कई डकैती, चोरी, गुंडागर्दी, ज़मीन दलाली, हत्या तथा बलात्कार जैसे संगीन मामले दर्ज हैं उसे पकड़ा गया और जब ये खबर को दिखाया गया तो ऐसे दिखाया गया कि एक धर्म विशेष का व्यक्ति को पकड़ा गया और जानबूझ कर जेल भेज जा रहा है.
जब इस खबर की पड़ताल की गयी तो स्थानीय लोगो ने बताया कि ये जो पकड़ा गया और जेल में भेज जा रहा है वो व्यक्ति सही में क्रिमिनल और गुंडा है. इसे तो हमेशा जेल में रखना चाहिए इसे किसी मज़हब से मतलब नहीं है.
लेकिन इसी खबर को दूर दूसरे शहर में बैठे लोग जब पढ़ते हैं उन्हें ऐसा लगता है कि मेरे मज़हब वालो को जानबूझ कर फंसाया गया और पकड़ा गया और वैसे क्रिमिनल इस बात का फायदा उठा लेते हैं.
हमें इस मानसिकता से निकलना होगा और ये सच्चाई को माननी होगी कि देश में हर धर्म के लोगो में ऐसे क्रिमिनल छवि और गुंडे पाए जाते हैं, और ऐसे लोगो का समाज में रहना बिलकुल भी ठीक नहीं है.
क्योंकि ऐसे लोगो का नुकसान सिर्फ और सिर्फ राज्य के बेटियो और शरीफ लोगो को ही उठाना पड़ता है|
हर खबर पर आँख बंद करके भरोसा नहीं करना चाहिए और अगर कुछ खबर पर संवेदना व्यक्त भी करनी हो तो बस इस बात का वादा करें कि वैसा कोई व्यक्ति या कोई घटना आपके शहर में न हो.
ऐसे अपराधी या ऐसी घटना जिसे आपसी एकता टूटे को न पनपने दिया जाए/
और सबसे महत्वपूर्ण बात कि अपराधी, आतंकी या बलात्कारियों का कोई धर्म नहीं होता. और अगर किसी धर्म से उसका जुड़ाव भी हो तो वो धर्म या उस धर्म से जुड़े लोगो को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए यही एक सद्बुद्धि तथा सही सोच वाले नागरिक की पहचान है
Rafique Ahmad

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