अंतरिक्ष की दुनिया में हिंदुस्तान ने आज एक बार फिर इतिहास रच दिया है। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO ने सोमवार दोपहर 2.43 मिनट पर सफलतापूर्वक चंद्रयान-2 को लॉन्च किया। चांद पर कदम रखने वाला ये हिंदुस्तान का दूसरा सबसे बड़ा मिशन है। इस मिशन के बाद सबको कलाम साहब याद आ रहे हैं।
लोग सोशल मीडिया पर कलाम साहब को याद कर रहे हैं। बता दें कि कलाम साहब ने ही 2009 में चंद्रयान की नींव रखी थी। उन्होंने ही ISRO के वैज्ञानिकों को चंद्रयान -2 मिशन पर काम शुरू करने के लिए कहा था। कलाम साहब आज हमारे बीच नहीं है लेकिन वो जहां भी होंगे आज बहुत खुश होंगे।
लोग सोशल मीडिया पर कलाम साहब को याद कर रहे हैं। बता दें कि कलाम साहब ने ही 2009 में चंद्रयान की नींव रखी थी। उन्होंने ही ISRO के वैज्ञानिकों को चंद्रयान -2 मिशन पर काम शुरू करने के लिए कहा था। कलाम साहब आज हमारे बीच नहीं है लेकिन वो जहां भी होंगे आज बहुत खुश होंगे।
पीएम मोदी ने मिशन सफल होने के लिए ISRO वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होंने ट्वीट करके कहा कि मैंने ISRO के वैज्ञानिकों से बात करके उन्हें बधाई दी है।
वहीं,चंद्रयान- 2 के सफल प्रक्षेपण पर नितिन गडकरी ने इसरो की टीम को दी बधाई दी है। Chandrayaan-2 अंतरिक्ष यान 22 जुलाई से लेकर 13 अगस्त तक पृथ्वी के चारों तरफ चक्कर लगाएगा। इसके बाद 13 अगस्त से 19 अगस्त तक चांद की तरफ जाने वाली लंबी कक्षा में यात्रा करेगा। 19 अगस्त को ही यह चांद की कक्षा में पहुंचेगा। इसके बाद 13 दिन यानी 31 अगस्त तक वह चांद के चारों तरफ चक्कर लगाएगा।
फिर 1 सितंबर को विक्रम लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चांद के दक्षिणी ध्रुव की तरफ यात्रा शुरू करेगा। 5 दिन की यात्रा के बाद 6 सितंबर को विक्रम लैंडर चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करेगा। लैंडिंग के करीब 4 घंटे बाद रोवर प्रज्ञान लैंडर से निकलकर चांद की सतह पर विभिन्न प्रयोग करने के लिए उतरेगा।
Chandrayaan-2 भारत के लिए दूसरा सबसे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारी-भरकम रॉकेट जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (GSLV Mk-III) से लॉन्च किया जा रहा है। Chandrayaan-2 का बजट 978 करोड़ रुपये है और इसका मकसद भारत को चंद्रमा की सतह पर उतरने और उस पर चलने वाले देशों में शामिल करना है। आज से ठीक 31 साल पहले इसी तारीख को हुई लॉन्चिंग पूरी तरह से सफल नहीं हो पाई थी। इसरो चीफ डॉ. के सिवन ने कुछ महीने पहले बोला था कि अब इसरो हर साल 10 से 12 लॉन्चिंग करेगा। यानी हर महीने एक लॉन्चिंग होगी। लॉन्चिंग की सफलता और असफलता के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इसमें मौसम, तकनीकी वजहें आदि शामिल हैं।
No comments:
Post a Comment