इसमें कोई दो राय नहीं कि आपके #जीवन पर सबसे बड़ा असर आपके #पारिवारिक#पृष्टभूमि का होता है जहाँ आपकी #परवरिश हुई है.
ये वो असर होता है जो आजीवन आपके साथ रहता है बाकी कि आदते आपके #सोचनेसमझने और #संगत से मिलता है.....
ये वो असर होता है जो आजीवन आपके साथ रहता है बाकी कि आदते आपके #सोचनेसमझने और #संगत से मिलता है.....
वरना जो #साधु #साध्वी #आज़म जैसे लोग जीवन भर किसी #मठ या #मदरसा में #धर्म कि बात पढ़ा हो वो कैसे आग लगा सकता है?? आखिर कमी कहाँ रह गयी उनके #परवरिश या#पाठ्यक्रम में ??
जैसी संगत वैसी हरकत क्या कहते हैं?

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