Blog Archive

Saturday, January 9, 2016

लयाकत-एक ऐसे पिता जिन्होंने एक साथ एक ही दिन तीन बेटियां खोयी
"मोहब्बत के दंगे" आखिर क्यों?
आपको मिलाता हूँ एक ऐसे पिता से जिन्होंने ने एक साथ अपनी तीन बेटियां खोयी.....
जी हाँ सही सुना अपने 13 May 2008 जयपुर में एक बम ब्लास्ट होता है और देखते ही देखते इनकी तीन बेटियाँ उन्हें हमेशा के लिए छोड़ कर चली गयी. 
"मोहब्बत के दंगे" परिवार कोई ऐसी मनगढंत बात नहीं जो कुछ लोगो ने शुरू कर दिया ऐसे ही हज़ारो लोगो की आप बीती सुन और देख कर ये पहल किया गया है|
इनके दर्द को शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता है और नाही उस दर्द के शिद्दत को जिन्हे ये पिछले कई सालो से झेल रहे हैं.
नाजाने कैसे कटती होगी इनके सुबह शाम रात और कैसे भूलते होंगे जब भी उन्हें अपने बेटियों की याद आती होगी तो इसका जवाब तो बस ऊपर वाला भगवन अल्लाह ही दे सकते हैं|
भाइयो "मोहब्बत के दंगे" का परिवार इसी एहसास के साथ शुरू हुआ था जिसका मकसद बिलकुल भी ये नहीं है की किसी तरह फेसबुक पर चर्चित या किसी तरह के पॉलिटिक्स के लिए लोगो को जोड़ा जाए. ये बिलकुल इन सारीबचीज़ों से परे है जिसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है.
एक और बात बहुत सारे लोग इसे एक समूह समझ रहे हैं जिससे वो जुड़ना चाहते हैं लेकिन इस नफरत के दंश से बर्बाद हुए लाखो घरो और हज़ारो बेटियो के जान जाने के दर्द को समझ नहीं पा रहे हैं. मेरी उनसे गुज़ारिश है आप तभी इस परिवार से जुड़े जब आप दर्द के इस शिद्दत को समझ सके..
धन्यवाद अवि डांडिया भाई का जिन्होंने ये मुहीम की शुरुआत की और उन तमाम लोगो का जो साथ रहे और जो शुरू से इस मुहीम में अपनी मदद से लोगो तक पहुचाया

No comments:

Post a Comment