नई दिल्लीः बिजली की कमी से जूझते भारतीयों के लिए बड़ी खबर। आन्ध्र प्रदेश में यूरेनियम का विशाल भंडार मिला है जिसके बारे में कहा जा रहा है कि यह दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है।
एटमिक एनर्जी डिपार्टमेंट के सचिव श्रीकुमार बनर्जी ने बताया कि आन्ध्र प्रदेश के तमलापल्ली में 49,000 टन यूरेनियम होने का पता चला है। कहा जा रहा है कि यहां इसका तीनगुना बड़ा भंडार है। सचिव ने बताया कि अगर ऐसा है तो यह दुनिया का सबसे बड़ा भंडार है।
अभी इस खदान में जितना यूरेनियम है उससे 8,000 मेगावाट बिजली 40 सालों तक बनाई जा सकती है। यूरेनियम का मुख्य इस्तेमाल बिजली बनाने में होता है। इसके अलावा यह ऐटम बम बनाने में काम आता है। भारत में इसकी सबसे बड़ी खानें झारखंड में हैं जहां से यह बिजली प्लांटों को सप्लाई किया जाता है।
भारत में बिजली की बढ़ती मांग पूरा करने के लिए उसे बड़े पैमाने पर ऐटमी प्लांटों का सहारा लेना पड़ रहा है। भारत अगले साल मार्च तक अपनी ऐटमी पॉवर उत्पादन क्षमता 4.7 गीगावाट से बढ़ाकर 7.3 गीगावाट करना चाहता है। 2020 तक वह इसे 20 गीगावाट करना चाहता है। इसके लिए भारत अमेरिका से मदद लेगा क्योंकि पॉवर रिएक्टर बनाने वाली कंपनियां वहां ही हैं। भारत को यूरेनियम की भी कमी हो रही है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया जैसे देश इतनी आसानी से यूरेनियम नहीं देते हैं। अब भारत के लिए रास्ता खुल गया है। न्यूक्लियर पॉवर थर्मल पॉवर से सस्ता पड़ता है।
एक किलो यूरेनियम एक किलो कोयले की तुलना में 20,000 गुना ज्यादा ऊर्जा देती है। एक किलो यूरेनियम की अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में कीमत 165 डॉलर (7350 रुपए) होती है। लेकिन यूरेनियम को रीसाइकिल किया जा सकता है और उससे फिर ऊर्जा प्राप्त की जा सकती है।
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